रूस और गुजरात के बीच व्यावसायिक सहयोग बढ़ेगा
भारत के गुजरात राज्य के साथ भी रूस व्यापक स्तर पर सहयोग कर रहा है और दोनों के बीच तेल शोधन, मोटर वाहन विनिर्माण, हीरों की कटाई, रक्षा तथा कृषि क्षेत्रों में सहयोग के विकास की काफ़ी सम्भावनाएँ हैं। गाँधीनगर में ’वाइब्रेण्ट गुजरात - 2017’ आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने वाले रूसी प्रतिनिधिमण्डल के नेता, रूस के उपप्रधानमन्त्री दिमित्री रगोज़िन ने रूसी पत्रकारों से मुलाक़ात करते हुए यह बात कही।
मंगलवार को गुजरात के मुख्यमन्त्री विजय रूपानी के साथ भेंट करते हुए दिमित्री रगोज़िन ने कहा कि ’ऊर्जित गुजरात - 2017’ सम्मेलन में रूसी व्यावसायिक प्रतिनिधिमण्डल की सहभागिता बड़ा महत्व रखती है।
वाइब्रेण्ट गुजरात आर्थिक सम्मेलन में रूसी कम्पनियों की सक्रिय हिस्सेदारी
उन्होंने कहा — भारत को अच्छी तरह से जानने और समझने के लिए सिर्फ़ नई दिल्ली में होने वाली रूसी-भारतीय मुलाक़ातें ही महत्व नहीं रखतीं, सिर्फ़ अन्तरसरकारी आयोगों के दौरान होने वाली चर्चाएँ ही काफ़ी नहीं हैं, बल्कि सक्रिय रूप से विकसित हो रहे भारत के विभिन्न राज्यों की यात्राएँ करना भी ज़रूरी है।
दिमित्री रगोज़िन ने कहा — अगर गुजरात की बात की जाए तो यहाँ सबसे पहले हमें वह सौदा पूरा करना चाहिए, जो रूसी कम्पनी रोसनेफ़्त द्वारा तेल शोधन कारख़ाने की ख़रीद से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा रूसी कमाज़ ट्रक कम्पनी गुजरात में रूसी ट्रकों की जुड़ाई करने का एक कारख़ाना भी लगाना चाहती है। कुल मिलाकर, जैसाकि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का कहना है, गुजरात मोटर विनिर्माण के क्षेत्र में भारत का प्रमुख राज्य बन सकता है।
उन्होंने कहा — मोदी जी का मानना है कि जो तीसरा क्षेत्र गुजरात में बड़ी तेज़ी से विकसित हो रहा है, वह क्षेत्र है — हीरा प्रसंस्करण या हीरों की कटाई। रूस दुनिया में हीरों का एक प्रमुख उत्पादक देश है और गुजरात में इस व्यवसाय में रूस भी बड़ी हिस्सेदारी कर रहा है। रूस के उपप्रधानमन्त्री दिमित्री रगोज़िन ने आगे बताया कि दो देशों के बीच पारस्परिक आर्थिक सहयोग में रक्षा उद्योग की भी बड़ी भूमिका है।
रूस के उपप्रधानमन्त्री दिमित्री रगोज़िन ने कहा — हमारे सहयोग की चौथी दिशा रक्षा उद्योगों से सम्बन्ध रखती है। गुजरात में रक्षा उद्योग से जुड़ी भारत की सभी प्रमुख निजी कम्पनियों के मुख्य कार्यालय बने हुए हैं। आजकल नरेन्द्र मोदी जी मेक इन इण्डिया की नीति को आगे बढ़ा रहे हैं। इस दृष्टि से देखें तो रूस इस क्षेत्र में भारत का असली सहयोगी देश है।
तीन सदी पहले रूस में रहने वाले भारतीय व्यापारियों की कथा
गुजरात के मुख्यमन्त्री विजय रूपानी ने दिमित्री रगोज़िन को धन्यवाद दिया कि रूस ने ’वाइब्रेण्ट गुजरात’ आर्थिक सम्मेलन को इतना ज़्यादा महत्व दिया है और अपना एक बड़ा प्रतिनिधिमण्डल सम्मेलन में भाग लेने के लिए भेजा है। विजय रूपानी ने कहा — आपके नेतृत्व में इतना विशाल प्रतिनिधिमण्डल गुजरात आया है, इससे हमारे इस आर्थिक सम्मेलन की प्रतिष्ठा काफ़ी बढ़ गई है। हमारा यह सम्मेलन एक वैश्विक सम्मेलन में बदल गया है।
दोनों पक्षों ने गुजरात और रूस के अस्त्राख़न प्रदेश के बीच बढ़ते हुए आर्थिक सहयोग पर ज़ोर दिया और यह आशा व्यक्त की कि रूस के साथ प्रादेशिक स्तर पर भी सहयोग का आगे व्यापक विकास होगा। गुजरात के मुख्यमन्त्री विजय रूपानी ने कहा — यह एक बेहद सम्पन्न राज्य है। अपनी संस्कृति, इतिहास और परम्पराओं की दृष्टि से यह भारत का एक दिलचस्प प्रदेश है। गुजरात में बहुत सम्भावनाएँ हैं और हम चाहते हैं कि गुजरात और अस्त्राख़न प्रदेश के बीच तथा रूस के अन्य प्रदेशों के साथ भी गुजरात के सहयोग का व्यापक स्तर पर विकास हो।
विजय रूपानी से मुलाक़ात करने से पहले रूस के उपप्रधानमन्त्री दिमित्री रगोज़िन ने अहमदाबाद के गाँधी आश्रम का दौरा किया और महात्मा गाँधी से जुड़े राष्ट्रीय स्मारकों को देखा। गाँधी आश्रम में दिमित्री रगोज़िन को उन पत्रों की फ़ोटो-प्रतिलिपियाँ भी उपहार में दी गईं, जो महात्मा गाँधी और रूसी लेखक लेफ़ तलस्तोय ने एक-दूसरे को लिखे थे। विजय रूपानी से मुलाक़ात करते हुए दिमित्री रगोज़िन ने बताया कि वे गाँधी आश्रम द्वारा दिए गए इस उपहार को रूस के एक संग्रहालय में रखवा देंगे।
/ oborona.gov.ru