सीरियाई वायुसैनिक अड्डे पर अमरीकी हमले का रूस क्या जवाब देगा
6 से 7 अप्रैल की रात को अमरीकी विध्वंसक युद्धपोतों रॉस और पोर्टर ने होम्स के एक उपनगर में बने हुए सीरियाई वायुसैनिक अड्डे ’शैरत’ पर 59 टोमाहॉक क्रूज मिसाइलों से हमला किया। अमरीकी रक्षा मन्त्रालय पेण्टागन ने अपने इस हमले की सफ़ाई देते हुए कहा कि बशार असद की सेना द्वारा इद्लिब प्रान्त के निवासियों पर जो रासायनिक हमला किया गया था, यह हमला उसकी ’आनुपातिक प्रतिक्रिया’ है यानी यह हमला भी उसके बराबर का ही हमला है।
इससे पहले 4 अप्रैल को सीरियाई प्रान्त इद्लिब में एक रासायनिक बम के फटने से कम से कम 72 व्यक्ति मारे गए। सीरियाई विपक्ष और पश्चिमी देश इस रासायनिक हमले के लिए बशार असद की सेना को ज़िम्मेदार बता रहे हैं, जबकि रूस और सीरिया का कहना है कि यह हमला सीरियाई विद्रोहियों ने किया है।
जैसाकि रूस-भारत संवाद को रूस के रक्षा मन्त्रालय से जानकारी मिली है — अमरीकी युद्धपोतों ने इस इलाके में सीरियाई वायुसेना के प्रमुख ठिकानों को नष्ट कर दिया है, जिनमें विमानों की उड़न-पट्टियाँ, विमानों के तेल भण्डार और हैंगरों में खड़े मिग-23 विमान भी शामिल हैं। अमरीकी मिसाइल हमले के तुरन्त बाद ’इस्लामी राज्य’ (आईएस) और ’जेभट अन-नुसरा’ के आतंकवादियों ने सीरियाई सेना पर हमला बोल दिया।
रूस सीरिया में क्यों लड़ रहा है?
लेकिन अमरीका के विदेशमन्त्री रेक्स टिल्लेरसोन का कहना है कि पेण्टागन ने रूस के रक्षा मन्त्रालय को इस हमले की पूर्व सूचना दे दी थी। इसी वजह से एस-400 सहित रूस की दूसरी सभी वायु सुरक्षा प्रणालियाँ तब तक दम साधे पड़ी रहीं, जब तक उनके बराबर से टोमाहॉक क्रूज मिसाइल गुज़रते रहे।
रूस-भारत संवाद से बात करते हुए रूस के अमरीका और कनाडा अध्ययन संस्थान के विशेषज्ञ सिर्गेय रोगफ़ ने कहा — हाँ, हमें इस हमले की पहले से जानकारी दे दी गई थी। इसके अलावा रूस और सीरिया ने आपस में एक ऐसा समझौता भी कर रखा है कि रूसी वायु सुरक्षा प्रणालियाँ सिर्फ़ रूसी सैनिकों और रूसी सैन्य तकनीक की ही सुरक्षा करेंगी। सीरियाई सैन्य-अड्डों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सीरियाई सेना और सीरियाई वायु सुरक्षा दस्तों की ही है।
क्रेमलिन की प्रतिक्रिया
रूस के राष्ट्रपति के प्रेस सचिव दिमित्री पिसकोफ़ ने कहा — रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन का मानना है कि अमरीकी हमला एक सार्वभौम देश के ऊपर किया गया ऐसा हमला है, जो नकली बहानों से अन्तरराष्ट्रीय कानूनों को भंग करता है।
उन्होंने ज़ोर दिया कि सीरियाई सेना के पास रासायनिक बम नहीं हैं। 2016 में ही सँयुक्त राष्ट्र संघ के रासायनिक हथियार निषेध संगठन (राहनिस) के नियन्त्रण में सीरिया के पास उपस्थित सभी रासायनिक हथियारों को नष्ट किया जा चुका है।
दिमित्री पिस्कोफ़ ने बताया — पूतिन का मानना है कि इस बात की पूरी उपेक्षा से कि यह रासायनिक हमला आतंकवादियों ने किया होगा, सीरिया में स्थिति बिगड़ रही है।
पूतिन ने रूसी फ़ौजियों की संख्या बढ़ाकर 19 लाख क्यों कर दी
रूस के विदेशमन्त्री सिर्गेय लवरोफ़ ने कहा — सीरियाई वायुसैनिक अड्डे पर अमरीका द्वारा किए गए हमले से रूस और अमरीका के पहले ही असहज हो चुके रिश्ते और ज़्यादा बिगड़ेंगे। और इस हमले के जवाब में रूस उस दुपक्षीय समझौते को निलम्बित कर रहा है, जो सीरिया में रूस और अमरीका के बीच टकरावों को रोकने से सम्बन्धित है।
विश्लेषकों का मानना है कि रूस अब अमरीका की इस कार्रवाई पर विचार करने के लिए सँयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तुरन्त बैठक बुलाने की मांग करेगा, लेकिन अमरीका के ख़िलाफ़ कोई सैन्य कार्रवाई नहीं करेगा।
आगे क्या होगा
रूसी विश्लेषकों का मानना है कि अमरीकी नौसेना का यह हमला एक ही बार की जाने वाली कार्रवाई है। कुछ साल पहले अमरीका के वर्तमान राष्ट्रपति ट्रम्प ने सीरिया के ख़िलाफ़ अमरीका की हमलावर नीतियों की कड़ी आलोचना की थी और यह कहा था कि इसके अमरीकी सरकार के लिए गम्भीर परिणाम होंगे।
तब बराक ओबामा को सम्बोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीटर में लिखा था — मैं एक बार फिर अपने मूर्ख नेता से आग्रह करता हूँ कि सीरिया पर हमला मत कीजिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो इसके परिणाम बहुत बुरे होंगे और अमरीका को इस लड़ाई से कुछ नहीं मिलेगा।
AGAIN, TO OUR VERY FOOLISH LEADER, DO NOT ATTACK SYRIA - IF YOU DO MANY VERY BAD THINGS WILL HAPPEN & FROM THAT FIGHT THE U.S. GETS NOTHING!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) 5 сентября 2013 г.सिर्गेय रोगफ़ का मानना है कि सीरिया पर मिसाइल हमला करने का अमरीका के राष्ट्रपति का यह फ़ैसला किसी बिजनेसमैन की आवेगी प्रतिक्रिया की तरह लगता। यह किसी राजनीतिज्ञ का फ़ैसला नहीं लगता। ट्रम्प आम तौर पर तात्कालिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। उनकी यह कार्रवाई अमरीकी जनता को यह दिखाएगी कि रूस के साथ उनकी कोई दोस्ती नहीं है और ट्रम्प आगे भी रूस के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश नहीं करेंगे।
लेकिन यह बात भी नोट करने वाली है कि सीरिया में रूस की वायुसेना की उपस्थिति अमरीका को सीरिया में वैसे ही हालात पैदा करने से रोकेगी, जैसे हालात अमतीका ने लीबिया में बना दिए थे।
हायर स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स के अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध विभाग के विशेषज्ञ तिमाफ़ेय बरदचोफ़ ने कहा — अगर सीरिया में उड़ानरहित क्षेत्र (नो फ़्लाई ज़ोन) घोषित किया जाएगा तो इससे रूसी वायुसेना के विमानों के सामने भी दिक़्क़त पैदा होगी और रूस और अमरीका के रिश्ते बिगड़ेंगे। इसलिए अमरीका ऐसे कोई आपत्तिजनक क़दम नहीं उठाएगा। इसी तरह से अमरीका सीरिया में कोई ज़मीनी हमला भी नहीं करेगा।
तिमाफ़ेय बरदचोफ़ ने कहा — अभी अमरीका उस इलाके में कोई नई कार्रवाई नहीं करेगा और फ़िलहाल रूस की प्रतिक्रिया का इन्तज़ार करेगा। हमारा जवाब भी संयमित जवाब होगा। हम पेण्टागन की इस कार्रवाई की निन्दा करेंगे और सँयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की माँग करेंगे। लेकिन हम किसी तरह की कोई हमलावर कार्रवाई करने से बचेंगे।
सेण्ट पीटर्सबर्ग मैट्रो में हुआ धमाका और उसके बाद का घटनाक्रम