अफ़गानिस्तान के सवाल पर मास्को में होने वाली बैठक में भारत भी भाग लेगा
रूस के विदेश मन्त्री सिर्गेय लवरोफ़ ने बताया कि फ़रवरी के मध्य में अफ़गानिस्तान को लेकर मास्को में होने वाली बैठक में भारत भी भाग लेगा। इस बैठक में भारत और रूस के अलावा अफ़गानिस्तान, चीन, ईरान और पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
सिर्गेय लवरोफ़ ने कहा – हम अफ़गानिस्तान की समस्याओं का जल्दी से जल्दी समाधान करने के महत्व को अच्छी तरह से समझते हैं इसलिए हमने अपने अफगानी सहयोगियों को भी इस वार्ता में भाग लेने के लिए आमन्त्रित किया है। वार्ता में अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे।
अजीत डोभाल ने रूस की यात्रा की
रूस-भारत संवाद के एक सूत्र का कहना है कि पिछले हफ़्ते अपनी रूस यात्रा के दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस बैठक में भारत की सहभागिता की पुष्टि की थी।
रूस के विदेश मन्त्री सिर्गेय लवरोफ़ ने बताया कि वार्ता में भाग लेने वाले लगभग सभी देशों के नेताओं ने इसमें भाग लेने की पुष्टि कर दी है।
विगत जनवरी में रूस, चीन और पाकिस्तान के बीच अफ़गानिस्तान के बारे में बातचीत हुई थी। इसके बाद भारतीय और अफगानी मीडिया में इस तरह की झूठी सूचनाएँ छपीं कि इस्लामाबाद के उकसाने पर रूस तालिबान के साथ काम करने को तैयार हो गया है।
7 फ़रवरी को सिर्गेय लवरोफ़ ने अफ़गानिस्तान के विदेश मन्त्री सलाहुद्दीन रब्बानी के सामने फिर से यह बात दोहराई कि रूस अफ़गानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गिरोहों की कड़ी निन्दा करता है और अफ़गानिस्तान की आज कि सरकार का समर्थन करता है।
रूस के विदेश मन्त्री सिर्गेय लवरोफ़ ने अफ़गानिस्तान के विदेश मन्त्री सलाहुद्दीन रब्बानी से मुलाक़ात करते हुए कहा – रूस और अफ़गानिस्तान पुराने सहयोगी हैं। रूस अफ़गानिस्तान के साथ आर्थिक और मानविकी सहयोग तथा सुरक्षा सम्बन्धी सहयोग का आगे विकास करना चाहता है।
उन्होंने कहा – हम अफ़गान सरकार द्वारा की जा रही आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों और अफ़ग़ानिस्तान में राजनीतिक स्थिरता की स्थापना करने की कोशिशों का समर्थन करते हैं।
अब चीन और रूस अमरीका के ख़िलाफ़ मिलकर लड़ेंगे?