मास्को क्यों दुनिया का एक सबसे सुरक्षित नगर है?
मास्को की हवाई सुरक्षा करने वाले सैन्य दस्तों को खतरे की सूचना देकर सतर्क किया गया और वे युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए। रूस के राष्ट्रपति व्लदीमिर पूतिन के आदेश पर ये क़दम उठाए जाते हैं ताकि अचानक इस बात की जाँच की जा सके कि रूस के वायुसैनिक दस्ते विदेशी हमले का सामना करने के लिए कितना तैयार हैं।
रूस के रक्षा मन्त्रालय ने बताया कि खतरे का यह संकेत मास्को अंचल में तैनात उन सैन्य दस्तों को दिया गया था, जो एस-300, एस-400 और पन्तसीर-एस नामक हवाई मिसाइल सुरक्षा प्रणालियों को संचालित और निर्देशित करते हैं।
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इस सैन्याभ्यास के दौरान रूसी सैनिक-दस्ते तुरन्त उन रेलवे ठिकानों पर पहुँचे, जहाँ सैन्य तकनीक को रेलगाड़ियों में चढ़ाया और उतारा जाता है। इसके अलावा सैन्य दस्तों ने रूस के सम्भावित दुश्मनों के टोही दस्तों और तोड़फ़ोड़ करने वाले तथाकथित शत्रु-दस्तों से भी मुठभेड़ की और उनके हमले को नाकाम कर दिया।
लेकिन ये सैनिक दस्ते उस विशाल सेना का बस, एक छोटा-सा हिस्सा हैं, जो मास्कोवासियों की संभावित मिसाइल हमलों और हवाई हमलों से लगातार सुरक्षा करती है।
मास्को की सुरक्षा छतरी कहाँ शुरू होती है
मास्को की सीमाओं से बहुत दूर, बहुत पहले ही हवाई हमलों और मिसाइल हमलों से मास्को की सुरक्षा करने वाली व्यवस्था शुरू हो जाती है।
समाचार समिति तास के सैन्य विश्लेषक वीक्तर लितोफ़किन ने बताया कि इस सुरक्षा व्यवस्था में कई ऐसे राडार शामिल हैं, जो मिसाइल हमले की पूर्व चेतावनी दे देते हैं।
ये राडार रूस के यूरोपीय हिस्से के इन इलाकों में तैनात हैं :
कोला प्रायद्वीप पर अलेनागोर्स्क में। सेण्ट पीटर्सबर्ग के पास लेख़तुसी में। कलीनिनग्राद में। अरमावीर के पास। अरेनबूर्ग प्रदेश में। और बेलारूस के बरानविचि के इलाके में।/ Stepan Zharkiy/RBTH
ये राडार अपने चारों तरफ़ छह हज़ार किलोमीटर के इलाके पर पूरी-पूरी नज़र रखते हैं और आकाश में उड़ने वाली कोई भी चीज़ इनकी टोही नज़रों के बाहर नहीं होती। लितोफ़किन के अनुसार, ये राडार रूसी इलाके के आकाश पर और रूस के आसपास के देशों के आकाश पर नज़र रखते हैं और यह देखते हैं कि कोई बैलिस्टिक मिसाइल या क्रूज मिसाइल तो उड़कर रूस की तरफ़ नहीं बढ़ रहा है। ये राडार रूस की तरफ़ उड़कर आने वाले विमानों और अन्य किसी भी उड़ान उपकरण या उड़न मशीन को तुरन्त पहचान लेते हैं और उसकी जानकारी दे देते हैं।
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समाचार समिति तास के सैन्य विश्लेषक लितोफ़किन ने कहा — मिसाइल हमले की पूर्व चेतावनी व्यवस्था में शामिल सभी राडार मास्को प्रदेश के सलनिचनागोर्स्क मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली मुख्यालय से और मास्को प्रदेश में ही फ़्र्याज़िवा में लगे दोन-2एन नामक प्रक्षेपक राडार से जुड़े हुए हैं। अन्तरिक्ष नियन्त्रण प्रणाली भी इनसे सीधे जुड़ी हुई है।
दोन-2एन राडार स्टेशन से ही मास्को के चारों ओर बने मुद्रिका मार्ग के बाहर तैनात 100 प्रतिरक्षा मिसाइल भी जुड़े हुए हैं। ये प्रतिरक्षा मिसाइल उन बैलिस्टिक मिसाइलों और क्रूज मिसाइलों को रास्ते में ही पकड़कर नष्ट कर देंगे, जो मास्को पर हमला करने के लिए मास्को की ओर बढ़ रहे हैं।
ये सभी प्रतिरक्षा मिसाइल किन इलाकों में तैनात हैं इनकी औपचारिक तौर पर कोई भी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
लितोफ़किन ने कहा — मिसाइल हमले की पूर्व चेतावनी व्यवस्था को जैसे ही हमले का आभास होगा, वहाँ से सीधा संकेत मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली मुख्यालय और दोन-2एन राडार स्टेशन को मिलेगा। और यहाँ पर एक क्षण में ही यह फ़ैसला कर लिया जाएगा कि रूस की वायुसीमा का उल्लंघन करके उसमें प्रवेश करने की कोशिश करने वाले हमलावर मिसाइल को कैसे नष्ट किया जाए।
मास्को के चारों ओर मिसाइल हमले की पूर्व चेतावनी व्यवस्था
मास्को की हवाई मिसाइल सुरक्षा प्रणाली और मास्को के चारों ओर बनी मिसाइल हमले की पूर्व चेतावनी व्यवस्था दोनों एक-दूसरे से सीधे जुड़ी हुई हैं। मास्को की हवाई मिसाइल सुरक्षा प्रणाली में एस-300 और एस-400 जैसे हथियार शामिल हैं।
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ये मिसाइल मास्को से 250 से 400 किलोमीटर दूर ही अपने लक्ष्य का पता लगा लेते हैं। एस-300 और एस-400 जैसे हथियारों के मिसाइल मास्को से 150 किलोमीटर से 250 किलोमीटर दूर ही हमलावर मिसाइल को पकड़कर उसे नष्ट कर देते हैं, चाहे वह हमलावर मिसाइल ढाई किलोमीटर प्रति सैकण्ड की तेज़ रफ़्तार से ही मास्को की तरफ़ क्यों न बढ़ रहा हो।
एस-300 और एस-400 मिसाइल सुरक्षा प्रणालियाँ अपने निजी राडारों पर एक साथ 36 लक्ष्यों की पहचान कर सकती हैं और उनमें से एक ही बार में 12 लक्ष्यों का विनाश कर सकती हैं।
मास्को की सुरक्षा करने वाली कुल सेना और कुल तकनीक की संख्या पूरी तरह से गुप्त है। लेकिन माना जाता है कि मिसाइल प्रतिरक्षा मिसाइलों, राडारों तथा उनसे जुड़े अन्य उपकरणों की संख्या सैकड़ों में है। रूस के रक्षा मन्त्रालय की योजना के अनुसार, 2020 में 12 रेजीमेण्टें एस-400 मिसाइलरोधी प्रणालियों के साथ मास्को की सुरक्षा करेंगी।
सैन्य विज्ञान अकादमी के प्रोफ़ेसर वदीम कज़्यूलिन ने रूस-भारत संवाद को बताया — एस-300 और एस-400 हवाई मिसाइल सुरक्षा प्रणालियों को वायु सुरक्षा मिसाइल तोपों ’पन्तसीर-एस2’ का भी समर्थन मिला हुआ है। यह कम दूरी पर हमलावर मिसाइलों को पकड़ने वाले सुरक्षा मिसाइल हैं। यदि किसी तरह लम्बी दूरी के मिसाइलों से बचकर कोई हमलावर मिसाइल मास्को के एकदम निकट पहुँच जाएगा तो पन्तसीर-एस1 से प्रक्षेपित मिसाइल उसको नष्ट कर देगा और मास्को तक नहीं पहुँचने देगा।
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कज़्यूलिन ने बताया कि पन्तसीर-एस1 मिसाइल 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर भी निशाने को पकड़कर उसे नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।
कज़्यूलिन ने आगे कहा — हवाई मिसाइल सुरक्षा प्रणालियों के अलावा एसयू-30एमएस, एसयू-35, मिग-29 और मिग-31 जैसे लड़ाकू विमान भी मास्को की लगातार सुरक्षा करते हैं। ये लड़ाकू विमान न केवल मास्को के निकट बने वायुसैनिक अड्डों में, बल्कि मास्को प्रदेश से जुड़े दूसरे प्रदेशों के वायुसैनिक अड्डों पर भी तैनात हैं।
मास्को की पूर्ण सुरक्षा
विशेषज्ञों का कहना है कि मास्को के चारों तरफ़ तैनात वायु मिसाइल प्रतिरक्षा प्रणाली किसी भी तरह के हवाई हमले से मास्को की पूरी-पूरी सुरक्षा करने में सक्षम है।
इसके साथ-साथ उन्होंने याद दिलाया कि रूस की सैन्य अवधारणा में इस बात का ज़िक्र भी किया गया है कि यदि रूस पर किसी तरह का हमला किया जाएगा तो रूस इसके जवाब में परमाणु हमला करने के अपने अधिकार का भी इस्तेमाल कर सकता है। रूस सबसे पहले यह हमला उन देशों के ख़िलाफ़ या उन देशों के गठबन्धन के ख़िलाफ़ करेगा, जिनके पास रूस पर हमला करने के हथियार और अन्य संसाधन होंगे।
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